BreakPoint
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Thursday, March 31, 2011
TearDown4
बातोँ से तेरी अब यही हर बार लगता है;
मेरा दिल भी दिल बहलाने का औज़ार लगता है;
लेकर कहाँ जाएँ हम अपनी मुफ़लिसी, तू ही बता;
जिसे हम घर समझते थे, तुझे बाज़ार लगता है.
Sunday, March 27, 2011
TearDown0
खुसी रहे न ये, ये ग़म भी न रहें;
ये सांस, ये नब्ज़, ये दम भी न रहें,
ऐ मेरे दोस्त मेरे साथ जरा आहिश्ता चल;
क्या पता की अगले मोड़ तक हम भी न रहें.
Friday, December 24, 2010
TearDown3
जिस राह पे रखे कदम उसपे ज़माना आ गया,
या यूँ कहो की रुकने का एक और बहाना आ गया.
ले के खंज़र जेब में आये जो मेरी कब्र पर,
उनको हमपे, हमको उपने मुस्कुराना आ गया.
Wednesday, November 10, 2010
TearDown
मौजो में इश्क के हम खुद को कही डुबो देंगे.
और हँसाओगे जो कुछ देर तो हम रो देंगे.
Wednesday, November 3, 2010
TearDown2
हँसता है दिल कभी और रोता है कभी,
सामना जब भी तेरी तस्वीर से होता है कभी
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